नजर जब
नजर हो यदि कभी टेढ़ी विधाता की तुम्हारे पर, उन्हें बस हाथ जोड़े तुम जरा प्रणाम कर लेना, सभी कुछ आपका ही है यही कह…
नजर हो यदि कभी टेढ़ी विधाता की तुम्हारे पर, उन्हें बस हाथ जोड़े तुम जरा प्रणाम कर लेना, सभी कुछ आपका ही है यही कह…
मेहनत रंग लाती है हमें मंजिल दिलाती है, बिना मेहनत किसी के पास कोई चीज आती है।
चींटी को देखिए कितनी है अदभुत अनोखी हैं टांगें आंखें हैं अदभुत। अस्तित्व उसका ईश्वर ने सजाया चींटी का संसार रब ने बनाया।
सलिल जीवन में कितना जरूरी है, सलिल के बिना सब जिन्दगी अधूरी है। सलिल ही प्यास बुझाता है सलिल पावक बुझाता है। सलिल मुरझाये पौधों…
वो शीतलता का आनन्द नहीं समझते हैं जो नफरत की आग लगाया करते हैं।
मातृ भाषा दिवस हिंदी दिवस की, सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
गाली देना सरल है, मुँह से गलत शब्द निकालना बहुत सरल है। इंसान को आस्तीन का सांप, दो-गला, दो-गले कहना बहुत सरल है। फिर भी…
दूसरों पर निशाना साध कर, तुम सुखी नहीं रह सकते, जब खुद जहर बाँटोगे तो, दूसरे से अमृत की, आशा नहीं कर सकते। न तुम्हारा…
कुएं का मेंढक समझता है और आएं नहीं मैं ही टर्राते रहूँ, राज अपना समझ कर और पर गुर्राते रहूँ। दूसरों के आने की आहट…
सबसे भयानक मंजर वह होता है, जब जहर उगलने वाला खुद को विदूषक समझने लगता है। मन में इर्ष्या जलन और खुद ही पाऊँ और…
लेखनी चलती है घमंड चूर करती है, जो उड़ता है हवा में ज्यादा उसे जमीं में आने को मजबूर करती है।
महक रहा है सावन सुन्दर सुन्दर कविताओं का आँगन, और महक आ गई है जब से हुआ नये कवियों का आगमन।
साहित्य साहित्य है न हार न जीत है, न जद्दोजहद है, न ही संघर्ष है। न दूसरे पर निशाना है, न कोई बहाना है, साहित्य…
नव प्रभात सजा है नई किरण आशा की लेकर यह प्रभात सजा है। फूल खिले हैं गमलों में आतुर हैं मिलने किरणों से चिड़ियाओं के…
मुल्क है हम हैं, समझ जा जमाने तू, देश माँ है, तू बेटा है, जुट रिश्ता निभाने तू। किसी भी हाल में भारत को हमने…
जनवरी की ठंड है पर ढल रही सी ठंड है कम हुआ है कोहरा लेकिन अभी भी ठंड है। बढ़ रहे हैं दिन घट रही…
अरी वो धूप तुम क्यों डर गई ठंडक से चीर कर आ जाओ हमें तपा जाओ, जीने की राह दिखा जाओ कुहरे को दूर कर…
रात की ठंड में चाँद कैसे चल रहा है, चाँद तो चाँद है सितारों का यूँ टिमटिमाना ठिठुरना लग रहा है। ओढ़कर कर चादर नीली…
जीवन जुड़ा दर्द लिखना जीवन से जुड़ा दर्द पढ़ना मेरी आदत में शामिल है सच कहना, सच को ही सुनना। कवि कुछ सच्ची कविता कह…
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