जय हिंद
मुल्क है हम हैं, समझ जा जमाने तू, देश माँ है, तू बेटा है, जुट रिश्ता निभाने तू। किसी भी हाल में भारत को हमने सींच देना है, जय हिंद का जेहन में सबके गीत देना है। »
जनवरी की ठंड है पर ढल रही सी ठंड है कम हुआ है कोहरा लेकिन अभी भी ठंड है। बढ़ रहे हैं दिन घट रही हैं रात कटकटाना कम हुए हैं ठंड से अब दांत। सूर्य की किरणें में अब बढ़ने लगा है ताप, थम गई है निकलती साँस से अब भाप। »
अरी वो धूप तुम क्यों डर गई ठंडक से चीर कर आ जाओ हमें तपा जाओ, जीने की राह दिखा जाओ कुहरे को दूर कर आ जाओ। »