मैं निर्दोष हूँ मैया
मैया यशोदा से लिपट के, हँस के बोले नंदलाला। माखन कहाँ खाया है, तेरा सबसे दुलारा नंदलाला ।। दोष लगाना कान खिंचवाना, यही सभी को…
मैया यशोदा से लिपट के, हँस के बोले नंदलाला। माखन कहाँ खाया है, तेरा सबसे दुलारा नंदलाला ।। दोष लगाना कान खिंचवाना, यही सभी को…
हम तो शदियों से खुद को संभालना जानते है। अपना ख्याल रख ए नादान वक्त के तकाजा है।।
हम वो राह छोड़ दिए ” ग़ालिब “, जिस राह पे हम कभी चला करते थे। वह डायरी हम आज फाड़ दिए, जिस डायरी पे…
कहे नटवर मैया से, मैं कब माखन खाया। झूठ के गगरी, समस्त ब्रजवासी है लाया।। मैं तो था ,अपने भैया बलराम के संग। अब आप…
चुरा के माखन खाए नटवर नागर नंदा। कान पकड़ के खींचीआज मैया यशोदा ।। माखन चोर है, मैया यशोदा के नंद लाला। तभी तो शिकायत…
माखन चोर माखन चोर। ब्रज में मचा है यही शोर ।। सब से नजरे बचा के देखो। कैसे भागे माखन चोर।। कहीं मटकी फूटी ,…
हम उस देश के प्रहरी है जिस देश में तिरंगा लहराता है। बुलंदी वाले छत्रपति शिवाजी के चर्चे शत्रु भी करता है।। पंजाबी गुजराती मराठी…
वह ज़ालिम हर मर्तबा इस दिल पे सितम पे ढाते रहे। हम उनके सितम को अपनी धड़कन समझते रहे।।
आ कर कब्र पे बेरहम एक बूंद 💧 आंसू गिरा दिया। बिजली चमक के गिर पड़ी सारा जिस्म जला दिया।।
आशिक़ो के मज़ार के करीब, ए खुदा दो गज़ ज़मीन दे देना। गर हो गए वो वफा से बे- वफा, तो सुन मुझे वहीं दफ़ना…
कितने बदल गये है इंसान। बेच कर अपना ईमान।। सच्चाई से कोस दूर भागे। झूठ के बीज बोये बेईमान।। बुरी नजर वाले का मुंह है…
ए ‘ग़ालिब’ कहीं गिरे ,अश्क के सैलाब। तो कहीं किसी के लिए , दिल है बेताब।।
हम तुम पले – बढ़े अपने ही भारत के गोद में। फिर क्यों दरार पड़ी है आज अपने ही रिश्ते में।। देखो कैसे चली आज…
जब झेल रहे थे वीर, सरहद पे दुश्मनों के गोली। तब चारो दिशाओं में, गूंजा था इंक़लाब की बोली।। अश्क भर आयी आसमां को, लहू…
ले के तिरंगा नारा लगाया, जय जवान जय किसान। देश के ख़ातिर मरना सिखाया, वाह रे वीर इन्सान।। पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण में आज़ादी के…
हिमालय से गंगा के मिलन ,यही तो देश की पहचान है। तभी तो हम सब, गर्व से कहते हैं मेरा भारत महान है।। शास्त्री गोखले…
आज की रात सावन की बरसात है, क्या पता कल हम मिले या न मिले। वक्त के सिकंदर मैं कल रहूं या न रहूं खत्म…
बज उठी सन सैंतालीस में, वह आज़ादी का डंका था। हिमालय पे गाड़ दिए थे हम, वह भारत का तिरंगा था।।
राज़ को राज़ ही रहने दो ए सनम। मुझे गवारा नहीं कि तुझे कोई बेवफा कहे सनम। मैने मुहब्बत की है कोई खिलवाड़ नहीं। तेरी…
रखे रहो हाथो पे हाथ प्रिया , सोचती रहो कोई अनसोंची बात प्रिया, सर्द हवा के झोंके में, जरा- ठहर जाओ रात प्रिया, हम मिलजुल…
लगी है सिन्हे पे, दुश्मनों के गोली, एक तरफ है ,इंकलाब की बोली। मरते दम तक, हिम्मत न हारेंगे, उड़ा देंगे हम, दुश्मनों के टोली।।…
आपकी चोटी के पेंच किसी नागन से कम नहीं। कोई आप से टकरा जाए किसी में इतनी शामत नहीं।।
गुलामी को आज़ादी में बदल दिया, हम वो शख्स है अपने भारत का। हर दिन लहू से सिंचे है देश को, इसलिए कहलाता हूँ सपूत…
झूम के तिरंगा देखो आया। १५ अगस्त में खूब लहराया।। क्या बच्चे क्या बूढ़े क्या जवान। सभी वंदेमातरम के गीत सुनाया।। तिरंगा जब बना देश…
फिर याद आया मुझे, सावन के वो…. दो पहरी। भीग रहे थे हम दो, थी हमारे पास एक ही छतरी।। उनसे कभी चिपक जाना, फिर…
सुना है हमने अपने वतन पे, अपने वतन की कहानियाँ। तिलक पटेल आज़ाद छोड़ गए थे, अपनी कई निशानियांँ।। खेले – पले हुए थे, अनेक…
जब सावन के एक एक बूंद, अंबर से धरती पे गिरती है। तब न जाने क्यों ए ग़ालिब, अश्क मेरी गालो को भिगोती है।।
फिर शान से लहराया तिरंगा, देखो आज अपने देश में। बड़ा सुहावन लगे जन गण मन गीत, आज अपने देश मे।। कहीं इंक़िलाब जिंदाबाद तो…
वतन फ़रामोश तेरा अंतिम घड़ी एक दिन आएगा। तेरी चौड़ी छाती पे देखना, हमारा तिरंगा फहराएगा।। बहुत सह लिए तेरा जुर्म एक दिन फैसला हो…
हम वो वीर है जो मरने से कभी डरे ही नहीं। सिन्हे पे गोली खा के भी सिर झुकाए ही नहीं।।
चारो तरफ कयामत ही कयामत है। जिधर देखो करोना के ही क़हर है।। महामारी में जी रहे है हम और आप। फिर भी उम्मीद के…
उठा के बंदूक हाथ में, ए वीर तुम अब बढ़े चलो। जान हथेली पे रख के, अपना कर्तव्य निभाते चलो।। इस देश को तुम्हारे जैसे…
एक समय की बात है। गुरू द्रोण अपने दो शिष्य युधिष्ठिर एवं दुर्योधन को पास बुलाया।द्रोण -“तुम दोनो संसार को देख आओ, कौन अच्छा है…
मेरा आन वतन, मेरा बान वतन, मेरा शान वतन। गैरो में दम कहाँ जो करे, हमारे वतन को पतन।। अनेक आए अनेक गए, बाल न…
देखो चली नौजवानो की टोली। खेलेंगे लाल फिर लहू की होली।। चारो दिशाओं में गूंज रहा है। इंक़िलाब जिंदाबाद की बोली।। अग्निपथ पे चल पड़े…
आज फिर ए वीर, इम्तहान की घडी आई है। जागो ए सपूत, माँ फिर बेटा कह के बुलाई है।। उठा के बंदूक हाथ में शरहद…
लगा के निशाना दुश्मन पे, अपनी ताक़त दिखा देंगे। ज़ुल्म के सिन्हा चीर कर, वतन को आज़ाद कर देंगे।।
सिर पे कफ़न बांध चले हम, ईट के जवाब पत्थर से देने। देखे किस में कितना है दम, चले बस हम यही आजमाने।।
जब जब ज़ुल्म कीआंधी हमारे देश में आयी। तब तब हम प्रहरी अपने देश की लाज बचायी।। निशाना हमारा चूक जाए ऐसा कभी हुआ नहीं।…
धर्मनीति व राजनीति के आगोश में समा गया है देश। उन्नति के ओर क्या बढेंगे यहाँ बदले है सब अपने भेष ।। अब मानव में…
जंगबाजों से पूछ कितना मजा हैं देश के कुर्बानी में। हम मर कर भी अमर है हिन्दुस्तान के इतिहास में।।
ए माँ देख आज हम भी, अपने वतन पे शहीद हो गए। इतिहास के पन्ने पे फिर, एक सिपाही के नाम जुड़ गए।।
ए रवि, शरहद पे शहीद होने वाले । थे वे सभी , वतन के रखवाले।। हिन्दुस्तान , क्यों न नाज़ करे। जब सपूत ही निकले,…
जरूर वहाँ कोई खड़ा है, रात के अंधेरे में। लगता है डर घेर लो, अपने बांहो के घेरों में।।
जब राहत के दवा लाया राहत इन्दौरी से । तब उतरने लगा इश्क़ ए बुखार मेरे सिर से।।
ए सनम स्याही नहीं है तो क्या हुआ । तेरी नैनो के स्याही से काम चला लुंगा।।
ए खुदा तू ने जो उन्हें, खुबसुरती से बनाई। लूट गयी कई शायरों की, खुद की खुदाई।।
हम तो लूट गए ” फिराक ” इश्क़ के बाजार में। मरज़ीना जब जीना दुशवार किया कायनात में।।
कहीं दिल पे नश्तर , तो कहीं नश्तर पे दिल। ज़माना खराब है ग़ालिब जरा संभल के मिल।।
कुदरत के जहां में ए दोस्त, भ्रष्टाचारो के कमी नहीं। लोभ हवस में डूबा, किसी को किसी से वास्ता नहीं।। रिश्ते मे आयी खट्टास कैसे…
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