यदि मैं कवयित्री होती…!!
चंद्रोदय मुझसे कह रहा:- कविता लिखने की बात, मैं कविता के मामले में हूँ ठनठन गोपाल. हूँ ठनठन गोपाल ना आती कविता मुझको फिर भी…
चंद्रोदय मुझसे कह रहा:- कविता लिखने की बात, मैं कविता के मामले में हूँ ठनठन गोपाल. हूँ ठनठन गोपाल ना आती कविता मुझको फिर भी…
बोली लेखनी आज मिटा तू घनघोर अंधेरा विगत माह से तूने मुझसे नाता तोड़ा नाता तोड़ा तूने मुझसे जोड़ जरा-सा मैं (कलम) तेरे भावों और…
मिट गया हर संताप दूर अब हुआ अँधेरा घिर कर मेघ ने मेरे घर-आंगन को घेरा घर-आंगन को घेर मेघ मारे किलकारी नीर बहाए प्रज्ञा’…
दीप जलाकर रख दिये आप ही अपने द्वार आ गया मुझको आप ही अपने ऊपर प्यार अपने ऊपर प्यार यार आया जब मुझको इन नैत्रों…
किंचित ही तू मूढ़ है कहता मेरा मन ! क्यों फोड़ा सिर तूने निरमोही के आंगन निरमोही के आंगन में फलता प्रेम कहाँ है !!…
कैसे बन्धु ? कैसे रिश्ते ? कैसा यह संसार कैसा जीवनसाथी भाई ? स्वार्थ पड़े तब प्यार स्वार्थ पड़े तब प्यार किया है यहाँ सभी…
कर्म कर तू कर्म कर कर्म पथ से ना तू भटक दिशाएं भले विपरीत हों बोये पथ में शूल हों ना तू डर और ना…
मेरी मनसा थी यहाँ बोना प्रेम के बीज पर उग आया है यहाँ काँटा बन कर विष काँटा बन कर विष उगा है यहाँ पर…
ठन जाती है मौत से एक दिन सबकी यार मुश्किल कहना है यहाँ किसको किससे प्यार किसको किससे प्यार नहीं मालूम किसी को घर आया…
💞 महाशिवरात्रि स्पेशल 💞 ************************** शिव की महिमा सब जग गाए पार्वती जी को मन से पूजा जाये मोहित करते हैं घनश्याम सबसे पहले गणपति…
शिवरात्रि का भोर भोर जीवन में लाया भाँग- धतूरा चढ़ा के मैंने शिव को मनाया शिव-शंभू हे नाथ ! अरज मेरी सुन लीजे मेरे श्याम…
उगल रहा है आदमी विष के ऐसे बोल विष के ऐसे बोल बोलकर थकता ना तू मैं तेरा ही अंश मुझको पहचाना ना तू कैसे…
पतंगे की कहानी:- ********************** शाम हुई लेकर तम को अपने संग आई, नहीं दिखा कुछ भी मुझको तो माचिस ले आई. जला दिया और गुनगुन…
मैं हूँ असहाय कोई मुझको सम्भाल ! कट रही हूँ मूल से सब देखें घूर के गिर रही हूँ धरा पर कट गये हैं सभी…
यक्षिणी की वेदना के शूल:- *********************** प्रश्न करेंगे खुदा से अभी हम क्यूं ना आया है चंदा रोज देखें गली हम… वो नादान है थोड़ा…
यह जीवन है वरदान कभी यह जीवन है अभिशाप कभी… मिलते हैं सच्चे मित्र यहाँ तो बन जाते हैं शत्रु कभी… प्रज्ञा’ का जीवन बेमोल…
💞Women’s Day Special poetry💞 ************************************ महिलाओं की बात निराली, माँ, भगिनी हो या घरवाली …. इनसे ही संसार बसा है दिल में प्रेम अपार छुपा…
❤ गुलदावरी के पुष्प ❤ ++++++++++++++++++++ गुलदावरी के पुष्प खिलने लगे हैं हम तुमसे ख्वाबों में मिलने लगे हैं। तपती हुई धूप में बनकर ठंड…
अलबेली यह रात नवेली कुछ हमसे कहने आई है, मीठे-मीठे प्यारे-प्यारे संग में सपने लेकर आई है। मैं मूंदूँ और खोलूँ पलकें, नींद नहीं आती…
घर आया है रात का पंछी करने लाख सवाल होठों पर अनुपम हिंदी हाथों में है गुलाल। रंग डालेगा शायद मुझको मनसा उसकी लगती है…
मेरी नन्ही सी गुड़िया खिलौनों से खेलते खेलते न जाने कब बड़ी हो गई! आज जब देखी उसकी हाथों में चूड़ियां सिर पर लाल चुनर…
जाने क्यों कुछ अल्फाज सिसकते रहते हैं हम तुम्हारी यादों में महकते रहते हैं यूं तो हमारी मोहब्बत की पूजा करता है जमाना पर जब…
❤ गुलदावरी के पुष्प ❤ ++++++++++++++++++++ गुलदावरी के पुष्प खिलने लगे हैं हम तुमसे ख्वाबों में मिलने लगे हैं। तपती हुई धूप में बनकर ठंड…
अलबेली यह रात नवेली कुछ हमसे कहने आई है, मीठे-मीठे प्यारे-प्यारे संग में सपने लेकर आई है। मैं मूंदूँ और खोलूँ पलकें, नींद नहीं आती…
यूं मोहब्बत की नुमाइश की नहीं जाती दिल की ख्वाहिश सरेआम की नहीं जाती. ********************************** समझता है बेशर्म ये सारा जमाना, इसी वाइस दिल की…
इस फिजा में संवर कर लो हम आ गये, कुछ अलग ही तेवर लेके लो हम आ गये… थी नाराजगी यहाँ की हवाओं से हमको,…
जो बादल सदैव ही निर्मल वर्षा करते थे निज तपकर अग्नि में तुमको ठण्डक देते थे वह आज गरजकर तुम्हें जगाने आये हैं ओ राजनीति…
छोंड़ दी थी जो गलियां हमने कभी, आज सजकर फिर उन्हीं में जाना है संदेश भेजा है उन्होंने प्रेम का, जिनको हमने रब से ज्यादा…
💜Valentine special💜 कुछ गुलाबों के पंख बिखरा के गये थे यहाँ, लौटकर आए तो उन्हें सिमटा हुआ पाए… दे रही हैं गवाही खामोंशियां ये रातों…
लेख:- ‘ब्राण्डेड बुखार’ आजकल हर व्यक्ति अपने निजी काम को बहुत ही अच्छे ढंग से करने मे विश्वास रखता है। सबसे ज्यादा ध्यान तो इस…
हे नव वर्ष ! तुम्हारा स्वागत ना कर पाई मैं ! तुम्हारे आगमन के उपलक्ष्य में हजारों तैयारियां करना चाहती थी पर कर ना सकी…
कालचक्र ने लिखा था एक रोज़ रेत पर उंगलियों के पोरों से, वह हस्तलेख मिट गया सागर की लहरों के थपेड़ों से… स्वागत है कर…
नववर्ष हो इतना सबल ना पीर चारों ओर हो, जिधर भी उठे नजर सर्वत्र पुष्प ही पुष्प हो.. यह लेखनी अविराम हो, हर पंक्ति में…
अलविदा २०२० तू बहुत याद आएगा… तूने गुरू बनकर बहुत कुछ सिखाया अफसोस है अब तू कभी लौटकर ना आएगा..
ऐसे मत नववर्ष मनाओ जीवों को ना मार के खाओ, भूंख मिटाने के हैं और भी साधन शाकाहार तुम बनाकर खाओ..
बेशक मनाओ त्योहार तुम दिल खोलकर करो नववर्ष का स्वागत पर शराब, बकरी, मुर्गों आदि जीवों के जीवन का अन्त करके किस प्रकार मना सकते…
नववर्ष की पूर्व संध्या ******************* नववर्ष की पूर्व संध्या पर मैं अर्पण करती हूँ अश्रु के बीज बोती हूँ लम्बी मुस्कानें चुनती हूँ मैं सफल…
जाने क्यूं खुशियां मना रहे हैं लोग !!! मेरी जिंदगी का एक और साल कम पड़ गया एक और साल जुड़ गया जीवन के अध्याय…
नया आ गया.. पुराना साल हजारों दर्द दे गया कुछ सिखाया कुछ समझाया, और आँखों में आँसू दे गया नया साल आ गया…
कूड़ाघर: रसोईंघर ******************* मैं अक्सर सोंचा करती थी आजकल कोई गरीब नहीं… सब अपने आप में सक्षम हैं इस दुनिया में अब कोई असहाय नहीं……
गरीब की पुकार’ सुन लो, लाख दुआएं मिलेगी किसी मजबूर को सहारा दो तुम्हारी शक्ति और बढ़ेगी… घटेगा नहीं धन बल्कि और भी बढ़ेगा किसी…
बेटी और पिता सैर पर जा रहे थे मधुर संगीत था कोई गीत गा रहे थे.. होंठों पर दोनों के तसल्ली भरी मुस्कान थी, बेटी…
एक अंधी लड़की देख के मन में वेदना का ज्वालामुखी फूटा सोई थी चिर निद्रा में करुणा से अवधान टूटा… मन में आया मेर जो…
रक्तदान है महादान यह ‘प्रज्ञा शुक्ला’ कहती है, रक्ताल्पता को अक्सर जीवन में अपने सहती है… रक्तदान करने से कोई कमजोरी नहीं आती है, इतनी…
सोंचती हूँ नये साल में कुछ बड़ा करूंगी ———————————————— चल ठीक है, तुझे याद नहीं करूंगी…..❤❤
सच कहूं तो बड़ा ही हसीन था यह साल, हर एक ने अपना रंग दिखा दिया…🐊🐍
“रिश्तों में वफादारी और विश्वास” ************************************ गमों की बरसात होती रही अश्क रुखसार पर लुढ़कते रहे, हमने सोंचा ये फिक्र है तुम्हारी यही सोंचकर हम…
खामोंश रहना जज्बात बयां करने से अच्छा है दिल की बातें दिल में छुपाना अच्छा है काश ! ये पहले ही समझ जाते हम, चलो…
तुम जब बात-बात पर झगड़ा करते हो मुझसे सच कहूं तो बुरा नहीं लगता, पर जब तुम नाराज होकर बात करना बंद कर देते हो…
छ: महीने बीत गये अब तक कुछ ना पता चला सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की या उन्हें मार डाला गया.. कैसा शासन है ?…
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