खामोशियां

बाहर कितनी खामोशी है अंतर्मन द्वंद सा मचा कहां? चेहरा हंसता सा दिखता है आंखों में नमी, दुख छुपा कहां? जीव्हा कुछ ना कुछ बोल…

इश्क एक बुखार

इश्क का बुखार बड़ा ही लज्जतदार। आत्मा पर हो जाता एक जुनून सा सवार। कर देता अच्छे खासे इंसान को बेकार। हंसता खेलता इंसान लगने…

मेरे कातिल

मेरे कातिल गर वापस आए तो आंखों में शिकायतें पढ़ लेना होठों का फड़कना देख लेना धड़कनों की आवाजाही सुन लेना मेरी रूह की तड़पन…

उन्वान

एक चाहत भरी नजर दिल में रोशनी सी भर गई तुम्हें याद करना इंतहा इबादत बन गई हर अक्स में तुम्हे खोजना जुनून बन गया…

स्त्री

रहस्यवाद का जामा पहने स्त्री! एक अनसुलझा रहस्य! उलझे हुए धागों की एक गुत्थी। शायद! पुरुष के लिए एक मकड़जाल। पर हर स्त्री अपने आप…

मेरी मां

रोज सुबह बच्चों को उठाती, कभी-कभी पानी छिड़काती। एक-एक करके काम निबटाती, बीच-बीच में लेती जाती , हम सब के झगड़ों में रस। बीच में…

गणपति विसर्जन

गणपति विसर्जन ——————— श्रद्धा व सम्मान दिया, गणपति को घर में विराजमान किया। रोज ..मोदक, मेवा खिलाते रहे, गणपति जी को… जी भर मनाते रहे।…

आंखें आईना

बैठे-बैठे मुस्कुरा रहे हो हमसे तुम कुछ छुपा रहे हैं आंखें हैं आईना धड़कनों का उनमें हाल-ए-दिल पढ़ा रहे हो। निमिषा सिंघल

प्यारी बहना

नन्ही मुन्नी गुड़िया सी मीठी-मीठी गुड़िया सी। बातें करती गपर – गपर वो हंसी तो खिलती धूप मगर । लड़ती ,भिडती, हंसती खिलती जैसे धूप…

मीठी यादें

तन्हा बैठे ना जाने कुछ सोच कर आ जाती हंसी कुछ बातें कुछ यादें कुछ गुज़रे लम्हे अकेलेपन का फायदा उठाकर घेर लेते चुपचाप अचानक…

जागो

एक-एक मोती से एक, फिर माला बन जाएगी धीरे धीरे करो पहल तो क्रांति देश में आएगी। याद करोगे बलिदानों को , देशभक्ति जागेगी। आग…

बाढ़

अनहोनी यह कैसी है ! काली छाया जैसी है। हंसते हुए फूल से चेहरे , मुरझा गए एक ही पल में । काल की कराल…

आनंद नाद

खुश रहना हंसना तुम सीखो। दुखों से भी लड़ना तुम सीखो । तूफानों को झेलना सीखो। चट्टानों सा बनकर देखो । आकाश में उड़ते पंछी…

रिश्ते

जिंदगी के सुरों में यदि तासीर चाहिए, तो वफा ईमानदारी और बस प्यार चाहिए। वरना सारे सुर , बेसुरे नजर आएंगे। प्रेम को वो सौंदर्य…

महात्मा गांधी

महात्मा गांधी —————— 🙈🙉🙊 बाहर से गंभीर धीर,👴 जज्बों से थे तूफानी।🌋 अंग्रेजों के पैर उखाड़ गए, वो नाम था गांधी।🤓 अल्पाहारी, शाकाहारी, 🌿🌾 सत्य…

बेचैनियां

बेचैनियां ,मदहोशियां आती रही,जाती रही । आवारगी सी इस दिल पर छाती रही, गुनगुनाती रही, हम नशे के पैमाने में….. डूबते- उभरते रहे, यादें….. इस…

बेटियां

बेटियां रोशन हर घर जहां जन्म लेती हैं बेटियां 👩‍🎓 🧑होती हैं दो कुलों की रक्षक यह बेटियां 👩‍🔬 घर-भर की रौनक ये खिलखिलाती बेटियां👩‍🚒…

मां

मां क्या-क्या दुख सहती है, हर फरमाइश पूरी करती है । हर हुकुम बजाती रहती है, खुद से बेपरवाह रहती। बच्चों की चिंता करती है…

पाषाण युग

पाषाण युग दिखावे की संस्कृति , दिखावे का प्यार। प्रचार पाने को , हर कोई तैयार। कैसा यह संसार ! बदलता बातें पल पल सच…

इश्क़

इश्क आंखों में डूबा रहता है, रोम- रोम में रहता है। लबों को छूकर जाता है , जग में तन्हा कर जाता है। सरगोशी सी…

दंगे

रात के छम सन्नाटे में, एक भय की आहट है। घबराहट की दस्तक है कोई है का एहसास है कल क्या होगा की सोच है…

कविता

तुझ में पाया था प्रेम बहुत , सार्थक लगता था जीवन कुछ, आंखों में प्रेम की बारिश थी, कुछ कही- अनकही गुजारिश थी । मन…

रिश्ते

रिश्तो की क्या है परिभाषा ? क्या मान है? क्या है मर्यादा ? बीती बातें युग बीत चले, रिश्ते मानों को भी खो चले। रिश्तो…

प्रधानमंत्री जी नरेंद्र मोदी जी की 69 वे जन्मदिवस पर कविता

आसमान में उगता सूरज दिखता है , स्वर्णिम भारत का सपना, फिर सच्चा होता दिखता है। हुकुमत शाही अफसरों ने त्यागी, कर्म योग की अब…

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