**खुदखुशी**

चोरी से चुपके से तुम सब कुछ देखा करते हो मैं जानती हूँ तुम ऑनलाइन भी रहते हो जाने क्या बैठ गया है तुम्हारे मन…

*एहसास*

तू जब हुआ करता था मेरे करीब तो एक अलग एहसास हुआ करता था आज जब दूर है मुझसे तो कोई एहसास ही नहीं होता…!!

अच्छा लगता है….

गलतफहमियों में जीना अच्छा लगता है….. मुझको तेरा हर एक बहाना अच्छा लगता है….. कभी तू रोये कभी तेरी बातें मुझे रुलायें मुझको तेरा इठलाना…

ओ भाई मेरे !

भाई दूज का दिन है बहनों प्यार लुटाओ प्यारे-प्यारे भाई को अपने हाथों से मिष्ठान खिलाओ… भाई-बहन के प्रेम का परिचय देता है यह त्योहार…

आई शुभ दीवाली..

आई शुभ दीवाली देखो आई शुभ दीवाली टिमटिम करते देखो दीपक आई शुभ दीवाली धनतेरस को खूब खरीदा हमनें सोना-चाँदी सज-धज देखो लक्ष्मी माँ आई…

“कटी पतंग”

पहले रहती थी खिलखिलाती मुस्कुराती मैं कली फिर आया एक भंवरा मेरे सम्मुख हे अली ! पी लिया उसने मेरे जीवन का सारा रस अली…

*पाप-पुण्य*

यूं नजरों से ना देख मुझे रूह में झांक कभी मैं क्या हूँ उसका परिचय तू पाएगा तभी रूप तो मेरा उजला-उजला बस दिल थोड़ा-सा…

New Report

Close