बरसात

गर्मी ऋतु के बाद मे, आती है बरसात धरती उगती घास औ, तरु में आते पात तरु में आते पात, दामिनी चहुँ दिश चमके गिरती…

पानी

रिमझिम रिमझिम बरस रहा पानी है चल रही शीतल हवा शाम ये सुहानी है हरी हरी घास से धरती करे मुस्कान कह रही प्रिय तम…

परिवर्तन

परिवर्तन प्रकृति का नियम है बदल जाएगा कोरोना संसार से सदा के लिए भाग जाएगा फिर से पटरी में दौड़ेगी समय की ट्रेन इंतजार कर…

मेरे मन

मेरे मन अकेला जानकार मुझे सहानुभूति का भाव भरो अर्जुन नहीं हूँ परंतु अभिनय करना है श्रीकृष्ण सा समझाया करो भगवान् का अस्तित्व स्वीकार है…

नवाचार

मन में उल्लास धधकता रहे अंगार की तरह हार के बाद भी जीत जाने की संभावना बनी रहे बीपत्तियों का सामना करे पहाड़ की तरह…

माताएँ

माता कुमाता नहीं हो सकती परंतु पुत्र नहीं सुपुत्र रहा मां, धरती मां, भारत मां, प्रकृति मां , नदी मां, गौ मां आज सभी पीड़ित,…

विश्वास

कैसे करें विश्वास लोग घात करते हैं सावधान उनसे जो मीठी बात करते हैं एक विश्वास ही जिन्दगी जीने का सहारा था लोग सोने के…

कर्म

कर्म करते रहिए कभी बेकार नहीं जाते हैं आज नहीं तो कल कर्मो का फल पाते हैं हर काम के बदले पैसा न लीजिए रखिए…

रास्ते

बने हुए रास्ते तकदीर वाले पाते हैं हम तो चलते भी हैं और रास्ते बनाते हैं शायद कोई करे पदचिन्ह का अनुकरण कांटो को हटाते…

झूठ

छिप गया है सूरज सवेरे फिर आएगा झूठ मत बोलो जमाना जान जाएगा झूठ को बना लोगे व्यवसाय तुम अगर सदा के लिए लोगों का…

रिश्वत

रिश्वत के बिना आजकल काम नहीं होते हैं सब योजना बेकार है जब दाम नहीं होते हैं बिगड़ी बनाने वाले होते हैं रिश्वत खोर कहते…

New Report

Close