*आहट*
आहटें आती रहें, सदा उनके आने की सदाएं भी सुनती रहें, सदा उनके गाने की मैं नज़्म लिखती जा रही थी, फ़कत पन्नों पर, यही…
आहटें आती रहें, सदा उनके आने की सदाएं भी सुनती रहें, सदा उनके गाने की मैं नज़्म लिखती जा रही थी, फ़कत पन्नों पर, यही…
ज़िन्दगी का सफ़र है, कभी कड़वा कभी सुहाना मिलते हैं अच्छे दोस्त यहां, कभी दुश्मन भी मिले माना पर तू चल अपनी राह पथिक, ज़िन्दगी…
हार हुई आज नारी की, चढ़ी भेंट दुराचारी की सारे-आम कत्ल कर गया, ना आई उसे कुछ दया बेहया घूम वो रहा है, समाज क्यूं…
आनन्द दें अच्छे दिन, बुरे दिन देते अनुभव तो कोसें ना किसी दिन को, ज़िन्दगी की सफलता में दोनों की जरूरत है मानव.. *****✍️गीता
दीप जलता रहा, जब बहुत देर तलक लौ भी टिमटिमाने लगी, लो तेल भी हुआ ख़त्म और उसकी जान भी, डगमगाने लगी…. *****✍️गीता
प्रदूषण की मार, सह रहा संसार रोको इस प्रदूषण को मनुज, वरना फिर पछताओगे दूषित होती रही धरा यूं ही तो कैसे रह पाओगे वायु…
दोस्तों का दिल से सम्मान है, उनकी दोस्ती पर हमें,अभिमान है दोस्ती होती है ,सुधा समान, सुधा की एक बूंद ही महान है निज स्वार्थ…
बहुत मिला इस ज़िन्दगी से, सब कुछ कहां,किसे हासिल मगर रह ही जाता है, किसी का “काश”, और, कहीं किसी का “अगर”.. *****✍️गीता
धनुष उठा श्री राम का, रावण की अब खैर नहीं चलो आज विजय की बात करें, हो कहीं किसी से,बैर नहीं त्रेता युग में रावण…
*****हास्य – रचना***** कछुए और खरगोश की, पांच मील की लग गई रेस तीन मील पर खरगोश ने देखा, कछुआ तो अभी दूर बहुत है…
ज़िन्दगी, है एक चमत्कार हर सांस इसकी है, प्रभु का उपहार प्रभु की दी हुई नेमत है ये, यूं कुछ भी कह के ना कर…
वो, लेखन में मेरी बहुत मदद करता था कहीं कुछ कभी ग़लत लिख देती तो, काट के ठीक किया करता था सुन्दर-सुन्दर समीक्षाएं भी उसके…
खामोशियों की भी, होती है एक ज़ुबान कह जाती हैं बहुत कुछ.. बस, सुनने वाला चाहिए… *****✍️गीता
राजा दशरथ ने माना कहना, अपनी पत्नी कैकेई का एक वचन की खातिर देखो, बहु-बेटे वन में जाते हैं, प्राण त्यागने पड़े भले ही, आज…
जब हम चले जाएंगे, ये दुनियां छोड़कर करोगे याद हमको, कभी ना कभी तो ऐसा क्या हुआ था, जो हम चल दिए सोच कर फरियाद…
ज़िन्दगी से कुछ लम्हे, बचाती रही एक बटुवे में उन्हें, सजाती रही सोचा था कि फुरसत से करूंगी खर्च, ज़िन्दगी में इसीलिए बचाती रही, कुछ…
***ये तो कमाल ही है*** सहेली, नहीं है किस्मत फ़िर भी रूठ जाती है पहेली,नहीं है बुद्धि, फ़िर भी उलझ जाती है आत्म-सम्मान, नहीं है…
हम बदला नहीं लेते किसी से, बस, निकाल कर के इस दिल से, उसे भूल जाते हैं.. *****✍️गीता
एक तमाचा सा खाया, ऐ ज़िन्दगी आज कोई बात नहीं, ज़िन्दगी कुछ सिखा ही गई… *****✍️गीता
सुनते हैं, किसी के जाने से, ज़िन्दगी अधूरी नहीं होती मगर ये भी सच है कि, उसकी कमी पूरी नहीं होती.. *****✍️गीता
करके भ्रूण-हत्या दो बेटियों की, उसने दो बेटे फ़िर पाए खुश हो कर मस्त घूमता, कहता सौभाग्य जगाए बड़े हुए जब बेटे उसके, दो बहुएं…
हुआ है ज़िन्दगी में पहली बार, 2020 ने रचा इतिहास किसी ने भी नहीं देखीं होली से दिवाली तक, स्कूल की.. छुट्टियां फकत हमने ही…
कतल कर दो मेरा तुम, ज़रा सी फुरसत निकाल के यूं इंतजार में तुम्हारे, हमसे तड़फा नहीं जाता… *****✍️गीता
फुरसत से करेंगे हम, कभी बातें मोहब्बत की लम्हे भी चुराए बहुत, ज़िन्दगी में फुरसत ही ना मिली *****✍️गीता
दोस्तों में उल्लास रहे जब हमारे, मुस्कुरा उठते हैं, तब लब हमारे व्यथित हो जाए कोई दोस्त गर, व्याकुल हो जाएं हम भी इधर कोई…
कविता में वो भाव नहीं हैं, जो मैं कहना चाहूं स्वर में वो माधुर्य नहीं है जो तुम्हें सुना मैं पाऊं वाणी में वो चातुर्य…
*****हास्य रचना***** कल शाम को बाज़ार गई थी लाने को अपना कुछ सामान सात महीने पहले सिलाया , नया सूट पहना, लॉक डाउन ना होता…
घर के काम बाहर के काम काम की तो जैसे बारिश हो रही है सुकून के कुछ पल मिल जाएं हम भी कुछ हंसें, बोलें…
दिखे शांत सरोवर का उर, भीतर हो रही हलचल रह-रह कर उठती हैं लहरें, बता रही व्याकुलता प्रतिपल.. *****✍️गीता
कल्पना की दुनियां, बहुत ख़ूबसूरत हकीक़त इससे कहीं तो जुदा है कभी मेल खाती, कभी दूर जाती हकीक़त की दुनियां है, कल्पना सी कहां है…
क्रोध ना किया करें, क्रोध से रहें परे गुस्सा है माचिस की तीली सा, औरों को जलाने से पहले खुद को जलना पड़ता है ये…
कर के शेर की सवारी, आई माता रानी प्यारी आई शुभ नव-रात्रि, मांग लो मुरादें ,माता रानी से ऊंचे पर्वत पर मंदिर मां का, बेहद…
ऑन लाइन कक्षाएं चल रही थी, हमें कुछ बातें भी खल रही थी आज शोर कुछ ज्यादा ही था, किसी से किया एक वादा भी…
गोल-गप्पे खाने का, बहुत ज्यादा मन किया कोरोना के कारण, बाज़ार जाना भी बंद हुआ तो…., यू-ट्यूब खोला, रेसिपी उठाई जो-जो उसने बोला, वैसे ही…
कागज़,कलम की बातें सुनकर, मैं लिखना सा भूल गई कागज़ ने कहा कलम से, जब तुम चलती हो मुझपे कहो ये कैसा अहसास है, कलम…
ये ही तो मोहब्बत का रोना हो गया मोहब्बत तो जैसे कोरोना हो गया, एक को हुई, तो दूजे को भी ही गई इस दिल…
वक्त ने फंसा दिया है, कभी रुला, कभी हंसा दिया है उनसे कहो, परेशान नहीं हैं हम वक्त की ही बात है, नहीं है कोई…
एक कतरा ना , अश्क का बहाया हमने, दिल ही दिल में सब दबाया हमनें गुनगुना सा बदन जब होने लगा दिल ने बताया…. उफ्फ…
हास्य – रचना ************* श्रीमान जी थके – थकाए घर आए, आते ही पत्नी से बोले… गर्मी बहुत है,थोड़ा पानी लाना, पत्नी बेचारी, बड़ी आज्ञाकारी…
जन्म लेने पर बंटी मिठाई, श्राद्ध हुआ तो खीर खिलाई जन्म की मिठाई से, शुरू हुआ एक मेल श्राद्ध पर आ कर, ख़त्म हुआ वो…
आलू, मटर,टमाटर की, सब्जी बनी स्वाद नमक डालना भूल गई, जब आई आपकी याद मैसेज टोन सुनाई दी, तो भागी-भागी आई इस चक्कर में देखो…
सुन्दर सा वो हिंडोला था, जिसमें बैठ के , मन मेरा डोला था सुन्दर सी वादियां हैं सुहाना सा समां है, बढ़ती ही जा रही…
ये कैसी राइड है, ना कर रहा कोई गाइड है लंबी – लंबी सी राहें हैं, मानो प्रियतम की बाहें हैं नदिया भी बह रही…
ये कश्मीर है, कहते हैं, धरती का स्वर्ग इसे पर कहां रहा ये स्वर्ग अभी, बदल गई इसकी तस्वीर है चप्पे-चप्पे पर सैनिक खड़े हैं,…
**सुप्रभात** ** ये एक आम शब्द नहीं, **है बहुत ही खास **सु—- सुबह से सांझ तक आप **प्र—- प्रसन्नता पूर्ण रहें **भा—- भाग्यशाली एवम् **त—-तनाव…
हो गई है भोर, गुनगुनी सी धूप है, ना व्यर्थ का कोई शोर बदल रहा है मौसम, तुम ना बदल जाना अच्छा लग रहा है,…
कुछ शर्ते लाती है, ज़िन्दगी की हर सुबह और कुछ तजुर्बे देकर, सांझ चली जाती है.. *****✍️गीता
निहार रहे थे, चांद की छटा को हम, बीच में ये बादल का टुकड़ा कहां से आ गया.. *****✍️गीता
मन में मेरे आज एक, सरगम सी बज रही है पुष्पित हुआ है हृदय, सुगंधि सी आ रही है कोई, कहीं दूर से मुझको, याद…
जो हमें जानता ही नहीं, उसे हक है, हमें अच्छा,बुरा कुछ भी क्रहने का पर जो हमें जान लेता है, वो हम पर जान देता…
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