मित्र साथ रखिये

सुगंध के लिए इत्र पास रखिये कठिन समय के लिए मित्र पास रखिये। विपत्ति में हौसला रखिये, हँसी-मजाक का भी शौक सा रखिये। दुखों को…

क्यों है

आदमी आज परेशान इतना क्यों है, लुटा सा देखता अरमान क्यों है, खुद के घर में बना मेहमान क्यों है, इंसान है तो फिर बना…

पानी बचाओ

कई माह बीत गये बारिश नहीं हुई। सूखी धरा के अधर ताकते हैं नभ को। प्राणी हैं व्याकुल जल की कमी से, सब तरफ है…

सुन्दर तेरी रचना

सुन्दर तेरी रचना अति सुन्दर तेरी रचना विधाता रंग बिरंगी सृष्टि रची, जा में नाना तरह जीवजाति बसी। नाना तरह की, विविध तरह जीवन ज्योति…

एकजुटता

बालों में लगे रबर की तरह खिंचे चले जा रहे तो तुम, खिंच रहे हो मगर बांध रहे हो सभी को एकजुट, जिससे निखर रही…

अभिवादन सम्मान

निद्रा में था रात भर, उठूँ धरूँ अब ध्यान, मात-पिता गुरु देव का, अभिवादन सम्मान, अभिवादन सम्मान, बड़ों का करूँ पूज लूँ, ले उनसे आशीष,…

आकाश

बिम्ब बनाना चाहता हूँ तेरा आकाश, मगर कहाँ से शुरू करूँ सोच रहा विश्वास। सोच रहा विश्वास, इस कदर विस्तृत है तू आदि अंत का…

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