रोशनी आये

रोशनी आये भले ही कहीं से भी मगर वो आये, अंधेरे को हराने आये। उसकी किरणें हों इतनी तीखी सी आवरण भेद कर भीतर जहां…

कागज

कागज!! बड़े काम के हो आप युगों युगों से आप पर कलम अंकित करते आई है, तमाम तरह का साहित्य। आप में अब तक का…

नई रोशनी हो

सुबह की, किरण हो नई रोशनी हो, बहारों भरी हो, नई रोशनी हो। जिन्हें रात भर चैन की नींद आयी, उन्हें जगमगाती, नई रोशनी हो।…

बिटिया रानी

छोटी सी है बिटिया रानी ऐसी लगती बड़ी सयानी, अपनी ही भाषा में जाने क्या कहती है गुड़िया रानी। वॉकर में बैठाओ कहती उसमें पांव…

नयन आपके

नयन आपके राह भटका रहे हैं, जरा सा चलें तो अटका रहे हैं। हुआ क्या अचानक उन्हें आज ऐसा हमें देख जुल्फों को झटका रहे…

राज मत पूछो

राज मत पूछो उन्हें क्यों चाहता है दिल गर बता देंगे हकीकत आप भी जाओगे हिल। इसलिए होंठो को हमने अब दिया है सिल, ताकि…

उड़ा खुशबू

हजारी खिल, उड़ा खुशबू बुला भंवरा, सुना संगीत। भेज संदेश, प्यारा सा, बुला तू अब, मेरा मनमीत। रही है जो, भी चाहत सी उसे मकरंद…

मन

मधुमालती छंदाधारित कविता – शीर्षक – मन (कुल 14 मात्रा, विन्यास 2212, 2212) ******************* मन फूल सा, कोमल न हो, पर ठोस हो, तो बात…

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